

जांच कर रहे अफसरों के सामने पूछताछ के दौरान भोपाल में हुई आत्महत्या की बात सामने आई है। एसएसपी रुचिवर्धन मिश्र के मुताबिक, इस आत्महत्या के मामले में जानकारी ली जा रही है। पूछताछ के दौरान पुलिस को चला कि यह युवती श्वेता जैन के लिंक से जुड़ी थी।
उसे भी झांसे में लेकर गिरोह में शामिल किया और फिर अफसरों के पास भेजकर काम निकलाया था। बाद में युवती ने निकलने का प्रयास किया तो उसे धमकाया गया और उसने जान दे दी। हालांकि अभी पुष्टि नहीं हो पाई है। भोपाल से इसकी जानकारी ली जा रही है।

कुछ अफसर-नेताओं के दम पर चल रहा गिरोह
आरती के साथ पकड़ी गई मोनिका अब सरकारी गवाह बन रही है। पुलिस जब राजगढ़ गई तो वहां पिता के सामने आने पर पता चला कि आरती व श्वेता ने उसे फंसाया है। एसएसपी का कहना है कि गिरोह के लोगों ने मोनिका को झांसे में फंसाया और गलत काम कराया।
पुलिस को उसने आरती व श्वेता के बारे में काफी जानकारी दी है, उसने बताया गिरोह का कुछ अफसर व नेताओं से ज्यादा नजदीकी है। उसने कुछ नाम भी बताए है जिन्हें पुलिस ने जांच में शामिल किया है। इन्हीं आधार पर पुलिस उसे सरकारी गवाह बना रही है, केस से नाम भी निकाला जा सकता है।
रूपा जैसी अन्य लड़कियां है गिरोह में
पुलिस ने केस के मामले में रुपा को भी आरोप बनाया है। मोनिका के बयान से साफ हुआ कि रूपा जैसी अन्य युवतियां भी गिरोह में शामिल है। कुछ को झूठी जानकारी देकर शामिल किया तो कुछ पैसों की लालच में फंस गए। मोनिका को झांसा देने में सहयोग करने वाले अभिषेक जैसे कुछ अन्य आरोपी भी शामिल है जो गिरोह के लिए लड़कियों की तलाश कर उन्हें फांसते है। इन सभी की जांच की जा रही है।

गांव की अन्य युवतियों को फांसने की कोशिश, मोनिका ने नहीं दिया साथ
नरसिंहगढ़ से पिता के साथ आए गांव के सरपंच इंदरसिंह लहार व अन्य लोगों ने कहा कि मोनिका गांव की प्रतिभावान बच्ची है, सभी उसका साथ देंगे। चंदा कर उसका केस लड़ेंगे। आरती व श्वेता ने मोनिका को कॅरियर बनाने का झांसा देकर फंसाया। आरती तो पिता के जमीन के विवाद में भोपाल तक संघर्ष कर चुकी थी। सभी की मदद करती थी।
सरपंच ने यह भी बताया कि मोनिका को फंसाने के बाद उसके जरिए गांव की अन्य बच्चियों को भी पढ़ाई कराने का झांसा देकर आरती, श्वेता भोपाल ले जाना चाहती थी। मोनिका ने पहले इसके लिए प्रयास भी किए। युवतियों ने उसे 3-4 मोबाइल, स्कूटर आदि दिया तो वह झांसे में आ गई थी। हालांकि जब उसे लगा कि वह खुद फंस गई है तो फिर बाद में उसने अन्य युवतियों को भोपाल ले जाने से इनकार कर दिया था जिससे अन्य बच्चियां बच गई।
News Source : UC News
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