भारतीय अनुसंधान संगठन (इसरो) के चीफ के. सिवन ने लैंडर विक्रम से संपर्क टूटने और मिशन चंद्रयान-2 के बारे में कहा कि अभी सारी उम्मीदें खत्म नहीं हुई हैं। इसरो चीफ ने डीडी न्यूज से बात करते हुए कहा कि वैज्ञानिक उससे अगले चौदह दिनों तक संपर्क साधने की कोशिश करते रहेंगे।

लैंडर से दोबारा संपर्क होने की कोई सूरत के बारे में पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए के. सिवन ने कहा- “हम संपर्क साधने की कोशिश करते रहेंगे, हम अगले 14 दिनों तक संपर्क करने की कोशिश करेंगे।”
इसरो ने बयान जारी कर कहा- 95 फीसदी मिशन सफल
उधर, मिशन चंद्रयान 2 को लेकर शनिवार को मिले जबरदस्त झटके के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने पहले बयान में भारत के चंद्रयान-2 को एक कठिन मिशन करार दिया। इसके साथ ही, इसरो ने इसे एक “महत्वपूर्ण तकनीकी छलांग बताया।”
अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया कि उसका मिशन 90 से 95 फीसदी हासिल हुआ है और विक्रम लैंडर के साथ संपर्क टूटने के बावजूद यह ऑर्बिटर चांद की कक्षा में अपना काम करता रहेगा। इसरो ने कहा है कि चंद्रयान-2 के साथ गया ऑर्बिटर अपनी कक्षा में स्थापित हो चुका है और ये अगले 7 साल तक काम कर सकता है. पहले एक साल तक ही इसके काम करने की गुंजाइश थी.।
काफी जटिल था मिशन था चंद्रयान
चंद्रयान 2 को लेकर इसरो ने ताजा बयान जारी करते हुए कहा कि यह मिशान काफी जटिल था। इसरो ने कहा कि हमारे मिशन पर दुनिया की नजर थी। इसरो ने आगे कहा कि ऑर्बिटर चांद की कक्षा में है। वह अपना काम करता रहेगा और तस्वीरें भेजता रहेगा।
इसरो ने आगे कहा कि चंद्रयान-2 बेहद जटिल मिशन था, जो कि इसरो के पिछले मिशन की तुलना में तकनीकी रूप से बेहद उच्च कोटि का था। इस मिशन में ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर को एक साथ चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की जानकारी लेने के लिए भेजा गया था।
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